पस-इ-आइना जो खड़ा है, वो कौन है
वो जो मेरी तरह दिखता है, वो कौन है
वही है, हाँ वही है जिससे मैं हूँ वाकिफ
वो जिसके चेहरे पे शिकन है, वो कौन है
याद है मुझे उसका मुस्कुराता चेहरा
वो जो आज भी शादाब है, वो कौन है
बड़े अदब से मिला करता था कल तक
आज दूर कोने में खड़ा है, वो कौन है
कभी उसके रिफ़ाक़ में शामिल था मैं भी
जो दुश्मन की तरह देख रहा है, वो कौन है
अजीब होती है ये मज़हब की दीवार ऐ दोस्त
मेरे तेरे दरम्यान डाला जिसने, वो कौन है
चलो तोड़ दें दीवार सभी, फिर साथ हो लें
चले इंसानियत का ये पहला कदम, वो कौन है
नहीं है, न रहेगा अदम से वास्ता 'चन्दन' तुझको
चले इंसानियत की राह हमेशा, वो कौन है
वो जो मेरी तरह दिखता है, वो कौन है
वही है, हाँ वही है जिससे मैं हूँ वाकिफ
वो जिसके चेहरे पे शिकन है, वो कौन है
याद है मुझे उसका मुस्कुराता चेहरा
वो जो आज भी शादाब है, वो कौन है
बड़े अदब से मिला करता था कल तक
आज दूर कोने में खड़ा है, वो कौन है
कभी उसके रिफ़ाक़ में शामिल था मैं भी
जो दुश्मन की तरह देख रहा है, वो कौन है
अजीब होती है ये मज़हब की दीवार ऐ दोस्त
मेरे तेरे दरम्यान डाला जिसने, वो कौन है
चलो तोड़ दें दीवार सभी, फिर साथ हो लें
चले इंसानियत का ये पहला कदम, वो कौन है
नहीं है, न रहेगा अदम से वास्ता 'चन्दन' तुझको
चले इंसानियत की राह हमेशा, वो कौन है