अजब समाँ है बंधा यहाँ पर अजब अनोखा रंग
सारे लगा रहे हैं नारे अन्ना जी के संग
सबको लगी एक ही चिंता भ्रष्टाचार की
बातें बड़ी बड़ी करते हैं सदाचार ही की
अब लगता है देश हमारा एक हो गया सारा
न कोई बंदिश जाती धर्म का न उंच नीच का फेरा
हर कोई इस पर चर्चा करता नज़र आ रहा प्यारे
कोई कहता अन्ना की जय, कोई उनके पांव पखारे
दृढ शक्ति ऐसी देखी है अन्ना जी में आज
सरकारें भी सोच में पड़ी, मंत्रियों पर गिरी गाज
गांधीगिरी की ताकत हमने देखी पहली बार
सत्याग्रह के बल से देखो डरती है सरकार
हम सबकी यही है ख्वाहिश भ्रष्टाचार बंद हो जाये
आओ मिल संकल्प ले हम सब घूस किसी को नहीं खिलाएं
6 comments:
sahi baat hai chandan ji...svayam ko sudhaarne ki zarurat hai!
आपकी अपील बहुत ही सार्थक है ...हमसब को यह संकल्प लेना ही होगा कि न तो खाना और न ही किसी को खिलाना है .....
satya ka aagrah ho to , uske liye sashakt kadam ho to dharti hil jati hai...
bahut achchha aur sateek likha hai, badhai.
Wahh!!
Achhi soch se saare kaam achhe hote hain...
Regards,
Dimple
बेहतरीन प्रस्तुति।
भाई, बहुत अच्छा लिखा है।
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