कुछ मामलों में अवसाद बड़ा ही अच्छा पल होता है| मेरी आदत है की मैं अपने आप से बहुत बातें करता हूँ| इधर कुछ दिनों से मौक़ा नहीं मिला अपने आप से मिलने का, ख़याल आया ऐसा क्या है जो मुझे अपने आप से मिला सके| जवाब भी खुद ही मिल गया "अवसाद", "अकेलापन"|
अभी पता नहीं क्यूँ अपने आप की बहुत याद आ रही है|
3 comments:
Aye haye!!
Kya baat kya baat kya baat!!
Mazaa aa gayaa aapki likhi inn chandd panktiyon ko padne ke baad :)
Regards,
Dimple
हौसला-अफजाई के लिए शुक्रिया :)
हरदम तलाश-ए-गैर रहता है आदमी
डरता है कहीं खुद से मुलाकात न हो जाये
खूबसूरत प्रस्तुति के लिए साधुवाद ।।
I Salute Your Honesty............
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