Tuesday, 26 December 2023

हाँ याद है

तुमसे मेरा अधूरा सा मुहब्बत का इज़हार 
उन अधछुई उँगलियों से झलकता इकरार 
हाँ वो बड़ा सादा अधूरा अपना प्यार 
मुझे अभी भी, हाँ, अभी भी याद है 

वो देर रात होती लम्बी गुफ्तगू 
सारी हरारत एक पल में उड़न छू 
वो कुछ मिनटों में सदियों का सा इंतज़ार 
ग़ज़लों गीतों में साझा हो बेशुमार 
तुमसे मेरा अधूरा मुहब्बत का इज़हार 
मुझे अभी भी, हाँ, अभी भी याद है 




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